तेरे हाथों में हाथ
जब चले हम साथ
वोह बरसात की रात
आज भी याद है
वोह चेहरे कि मुस्कान
आँखों कि चमक
उन हसीं लम्हों को
भुलाना पाए
इन्ही यादों को लिए
चलें इस सफर में
दिल फिर भी ढूंढ रहा है
कहाँ घूम हुऐं
उम्मीद तो है
राहें मिलेंगी कभी न कभी
बस एक ही ख्वाइश है
वोह मुस्कान रहे युहीं
No comments:
Post a Comment