Saturday, May 23, 2020

वोह बरसात की रात


तेरे हाथों में हाथ
जब चले हम साथ
वोह बरसात की रात
आज भी याद है

वोह चेहरे कि मुस्कान
आँखों कि  चमक
उन हसीं लम्हों को
भुलाना पाए

इन्ही यादों को लिए
चलें इस सफर में
दिल फिर भी ढूंढ रहा है
कहाँ घूम हुऐं

उम्मीद तो है
राहें मिलेंगी कभी  कभी
बस एक ही ख्वाइश है
वोह मुस्कान रहे युहीं

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